कुत्ते जैसा दिखने वाला चार पैरों का रोबोटिक डॉग (robotic quadruped), जो जंगल में नही रहता ||
ये एक चार पैरों का दिखने वाला रोबोटिक डॉग (robotic quadruped) है। इसकी बॉडी को कुत्ते जैसी डिजाइन की गई है, जो इसे प्राकृतिक जानवर जैसा लुक देती है।
यह रोबोटिक डिवाइस आमतौर पर सेना की सुरक्षा और खोज और बचाव (search and rescue), निगरानी (surveillance), के लिए बनाया गया था लेकिन अभी इस रोबोटिक डॉग (robotic dog) को Ipl क्रिकेट मैच में काफी ज्यादा Popularity मिली है तो चलिए इस रोबोटिक कुत्ते के बारे में सब कुछ जानने की कोशिश करते है …

आज हमारी Technology इतना शक्तिशाली हो चूका है, जिसने न केवल हमारे काम आसान किया, बल्कि अब वो जानवरों की तरह दिखने और चलने वाली मशीन बना दिया। यह चार पैरों का दिखने वाला रोबोट डॉग, जो बिल्कुल एक कुत्ते की तरह दिखता है, इसने लोगो के कामो को बहुत भी आसन कर दिया है |
🔍 ROBOTIC DOG क्या है ?
यह एक चार-पैरों वाला रोबोट है जिसे आमतौर पर “Quadruped Robot” कहा जाता है। इस रोबोट को ऐसी जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है, जहाँ इंसानों का पहुँचना मुश्किल होता है – जैसे जंगल में, युद्ध के मैदान में, या प्राकृतिक आपदा वाली जगह में।
इसकी बॉडी पर हिरण और कूटे की तरह पैटर्न बनाए गए हैं, जिससे यह प्राकृतिक वातावरण में आसानी से छिप सकता है इसके लिए यह कैमुफ्लाज (camouflage) तकनीक का उपयोग करता है।
🔍 Quadruped Robot की विशेषताए क्या है ?
इसके चार पैर होने की वजह से यह जमीन पर आसानी से काहल सकता है , इस Quadruped Robot के ऊपर लगे कैमरा और सेंसर की मदद से इसको रिमोट से चलाना बहुत आसन होता है वैसे ये अपने आप भी रास्ता ढूढ़ लेता है इसमें लगा कैमरा किसी भी चीज़ को लाइव रिकॉर्ड करके भेज सकता है। इसके अन्दर स्वायत्त नेविगेशन (Autonomous Navigation) का इस्तेमाल किया गया है जिससे यह खुद से निर्णय ले सकता है कि उसे किस रास्ते से जाना है।
🔍 इसका उपयोग कहां होता है ?
इसका उपयोग सेना की मदद करने के लिए बनाया गया है यह दुश्मनों की निगरानी करता है और हमारी सेना को बताता है | इसका उपयोग भूकंप, बाढ़ या आग के बाद मलबे में फंसे लोगों की तलाश करने के लिए किया जाता है क्योकि वह सेना को पहुचने में जोखिम हो सकती है।
🔍 किसने बनाया और खर्चा कितना आया ?
इस रोबोट को University of Queensland (Australia) द्वारा बनाया गया है। इसे स्पोर्ट्स एनालिटिक्स और रिसर्च के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया गया था, जैसा की अपने देखा होगा इस बार के IPL क्रिकेटमें खिलाड़ियों की मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया है जहा इसने फील्ड पर घूमकर डेटा और फुटेज इकट्ठा किया और आईपीएल मैच को काफी ज्यादा मज़ेदार भी बनाया |
इस तरह के रोबोट की कीमत उसके मॉडल, क्षमताओं और कस्टमाइजेशन पर निर्भर करती है। जिसके अनुसार…
मॉडल | कीमत (लगभग) |
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Unitree Go1 (Consumer grade) | ₹2 लाख से ₹5 लाख |
Boston Dynamics Spot (High-end) | ₹56 लाख से ₹76 लाख |
Customized research robot (जैसे ऊपर वाला) | ₹10 लाख से ₹50 लाख+ |
इस खास रोबोट में कैमरा सिस्टम, GPS/सेंसर, कस्टम बॉडी डिज़ाइन (हिरण और कुत्ते ), डेटा ट्रांसमिशन यूनिटका इस्तेमाल किया गया है, इसलिए इसकी कीमत ₹15 लाख से ₹25 लाख के बीच तक मानी जा सकती है।
✍️ निष्कर्ष
हिरण और कुत्ते जैसा दिखने वाला यह रोबोट केवल एक मशीन नहीं है बल्कि भविष्य की एक झलक है, जहाँ तकनीक प्रकृति से प्रेरणा लेकर इंसान की मदद के लिए आगे बढ़ रही है। ऐसे रोबोट न केवल हमारे काम आसान बनाएँगे, बल्कि हमें कठिन परिस्थितियों से लड़ने में भी मदद करेंगे।